सागर (sagarnews.com)। कलेक्टर दीपक आर्य ने शैक्षणिक संस्था प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि विद्यार्थी, अभिभावक को पुस्तकें एवं शाला गणवेश किसी विशेष दुकान से क्रय करने हेतु बाध्य न करें। उन्होंने जिले के सभी अशासकीय मान्यता प्राप्त स्कूलों को आदेशित किया है कि वे अपने विद्यालय में छात्र-छात्राओं के लिये उपयोग में आने वाली पुस्तकें विद्यालय के सूचना पटल पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करेंगे।
संस्था प्रमुख किसी भी विद्यार्थी या अभिभावक को पुस्तकें एवं शाला गणवेश किसी विशेष दुकान से क्रय करने हेतु बाध्य नहीं करेंगे । पुस्तकें एवं शाला गणवेश उपलब्ध कराने वाली कम से कम 5-5 दुकानों के नाम विद्यालय के सूचना पटल पर सुवाच्य एवं स्पष्ट रूप से अंकित किए जाएंगे।
सागर जिले के सभी पुस्तक विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे किसी भी अभिभावक को इस बात के लिये बाध्य नहीं करेंगे कि पुस्तक का पूरा सेट ही लेना पड़ेगा। जिस अभिभावक को जितनी पुस्तक या कॉपी चाहिए, उसे उतनी ही दी जाएं। पुस्तकों के साथ कॉपी, पेन, कवर लेने के लिए बाध्य नहीं किया जाए।
इस संबंध में सभी विद्यालय को जिला शिक्षा अधिकारी सागर को 03 दिवस में विद्यालय में उपयोग होने वाली पुस्तकों की सूची तथा कक्षावार ली जाने वाली फीस का विवरण जमा करना होगी। उक्त अनुकम में, किसी पुस्तक विक्रेता अथवा विद्यालय के संस्था प्रमुख की कोई शिकायत प्राप्त होती हैं तो संबंधित के विरूद्ध जिला प्रशासन द्वारा वैधानिक कार्यवाही की जाएगी ।
जिला प्रशासन को ऐसी शिकायतें मिली हैं कि अशासकीय मान्यता प्राप्त स्कूल द्वारा अपने विद्यालय के छात्र- छात्राओं को गणवेश, पुस्तकें, किसी प्रकाशक विशेष की दुकान विशेष से क्रय करने हेतु बाध्य किया जा रहा हैं। साथ ही अभिभावकों से मनमाफिक शुल्क वसूल किया जा रहा है। । पुस्तक विक्रेता दुकान संचालकों के द्वारा अभिभावकों को पुस्तकों का पूरा सेट तथा उसके साथ कॉपी, कवर, पेन इत्यादि लेने हेतु बाध्य कर रहे है।
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