सागर (sagarnews.com)। डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में विगत दिनों नमाज पढ़ने वाली छात्रा ने लिखित रूप से अपनी गलती मानते हुए विि प्रशासन को दोबारा ऐसा नहीं करने का वचन दिया है। मामले की जांच के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गठित छह सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
जांच समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। उसमें कहा गया है कि छात्रा ने अनभिज्ञता वश विवि परिसर में नमाज पढ़ने की बात मानी है। संबंधित छात्रा ने भविष्य में विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि नहीं करने का लिखित वचन भी दिया है।
25 मार्च को विवि परिसर से एक वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद बनी जांच समिति ने सभी पक्षों की सूक्ष्मता से जांच की तथा छात्रा सहित सभी के बयान भी लिए। जांच समिति ने सक्षम प्राधिकारी के समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
सक्षम प्राधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन के अवलोकन एवं अनुमोदनोपरान्त सम्बंधित छात्रा को चेतावनी दी गई है कि भविष्य में इस प्रकार की धार्मिक गतिविधि करने अथवा संलिप्तता पाए जाने पर नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
प्रबंधन ने अधिसूचना जारी की
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय के कुलसचिव संतोष सोहगौरा द्वारा इस सम्बन्ध में एक अधिसूचना भी जारी की गई है जिसमें यह निर्देशित किया गया है कि विश्वविद्यालय परिसर में छात्र-छात्राएं पठन-पाठन के अलावा ऐसी कोई गतिविधि न करें और न ही ऐसी गतिविधियों में भाग लें जिससे परिसर में अनावश्यक सांप्रदायिक तनाव का वातावरण निर्मित हो और पठन-पाठन का कार्य प्रभावित हो। सभी छात्र-छात्राएं धर्म से संबंधित अनुष्ठान अपने गृह, आवास अथवा धर्म स्थल पर ही करें जिससे विश्वविद्यालय परिसर में शान्ति, सद्भाव, सौहाद्र्र एवं अकादमिक वातावरण बना रहे।
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