Sagar News सागर जिले में डॉ. भीमराव अंबेडकर अभयारण्य बना मध्यप्रदेश का 25वां अभयारण्य

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सागर (sagarnews.com)। मध्यप्रदेश में जैव विविधता संरक्षण (Bio Diversity Conservation) और पर्यावरण संतुलन (Environmental Balance) की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। सागर जिले में राज्य का 25वां अभयारण्य स्थापित किया गया है, जिसे ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर अभयारण्य’ (Dr. B.R. Ambedkar Wildlife Sanctuary) के नाम से जाना जाएगा। इस अभयारण्य (Sanctuary) की स्थापना के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है। यह अभयारण्य सागर जिले (Sagar District) के 258.64 वर्ग किलोमीटर के विशाल वन क्षेत्र में फैला होगा।

अभयारण्य का भौगोलिक विवरण

डॉ. भीमराव अंबेडकर अभयारण्य सागर जिले के उत्तर सागर वन मंडल के अंतर्गत बंडा और शाहगढ़ (Banda and Shahgarh) तहसीलों के आरक्षित वन क्षेत्र में स्थापित किया गया है। इस अभयारण्य का कुल क्षेत्रफल 25,864 हेक्टेयर, यानी 258.64 वर्ग किलोमीटर है। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक समृद्धि और जैव विविधता के लिए जाना जाता है, जो इसे वन्य जीव संरक्षण के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।

पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

इस अभयारण्य के गठन से न केवल क्षेत्रीय पारिस्थितिक तंत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि खाद्य श्रृंखला और प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभयारण्य विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण में सहायक होगा और वन्य जीवों के लिए एक सुरक्षित आवास प्रदान करेगा।

इसके साथ ही, अभयारण्य के विकास से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। सागर और आसपास के इलाकों में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा। इससे गाइड, परिवहन, आतिथ्य और अन्य क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जिससे स्थानीय समुदायों को आर्थिक लाभ होगा।

मध्यप्रदेश की पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रगति

मध्यप्रदेश पहले से ही अपने राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। डॉ. भीमराव अंबेडकर अभयारण्य की स्थापना के साथ ही राज्य ने पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता के क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत कर लिया है। यह कदम न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी प्रेरणादायक है।

मध्यप्रदेश सरकार की दीर्घकालिक पर्यावरण नीति का हिस्सा

डॉ. भीमराव अंबेडकर अभयारण्य की स्थापना मध्यप्रदेश सरकार की दीर्घकालिक पर्यावरण नीति का हिस्सा है। सरकार का लक्ष्य है कि इस तरह के प्रयासों से न केवल प्रकृति का संरक्षण हो, बल्कि स्थानीय समुदायों का जीवन स्तर भी ऊंचा उठे। इस अभयारण्य के माध्यम से मध्यप्रदेश ने एक बार फिर साबित किया है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण एक साथ संभव हैं। यह अभयारण्य न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा, जो प्रकृति और संस्कृति के सामंजस्य को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री की पहल और बाबा साहेब को श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अभयारण्य की स्थापना को अपनी सरकार की पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का हिस्सा बताया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा, “डॉ. भीमराव अंबेडकर अभयारण्य न केवल वन्य जीवों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल होगा, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण, पारिस्थितिक संतुलन और स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार सृजन की दिशा में भी एक ऐतिहासिक कदम है।”

मुख्यमंत्री ने इस अभयारण्य को संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को समर्पित करते हुए इसे बाबा साहेब के प्रति सम्मान और प्रकृति के प्रति श्रद्धा का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “यह अभयारण्य समावेशी विकास के हमारे संकल्प को दर्शाता है और बाबा साहेब के आदर्शों को सच्ची श्रद्धांजलि है। यह मध्यप्रदेश के लिए गर्व का क्षण है।”

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