प्रशासन की सख्ती के बावजूद रुक नहीं रही खेतों में चारे को आग लगाने की घटनाएं
सागर (sagarnews.com): जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई कर नरवाई जलाने (Stubble Burning) की घटनाओं पर अंकुश लगाने के प्रयास कर रहा है। कलेक्टर ने नरवाई जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध (Complete Ban) लगा दिया है। इसके बावजूद, कुछ किसानों द्वारा प्रतिबंध को नजरअंदाज करते हुए अवैध रूप से फसल अवशेष जलाए जा रहे हैं, जिससे वायु प्रदूषण (Air Pollution) बढ़ने और आगजनित दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है।
क्या है नियम? (Legal Provisions)
पर्यावरण संरक्षण (Environmental Protection) और सार्वजनिक स्वास्थ्य (Public Health) को ध्यान रखते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम, 1981 के तहत फसल अवशेष जलाने को प्रतिबंधित कर रखा है। कानून का उल्लंघन करने वालों पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (Environmental Compensation Charges) लगाया जाता है। जुर्माने की राशि 24 घंटे के भीतर जमा करना अनिवार्य है, अन्यथा संबंधित व्यक्ति क खिलाफ कानूनी कार्रवाई (Legal Action) की जाती है।
बड़े जुर्माने के बावजूद असर नहीं (Penalty Structure)
अगर नरवाई जलाने वाले किसान की जमीन का रकबा 2 एकड़ से कम हो तो ₹2,500 प्रति घटना जुर्माना किया जाता है। 2 से 5 एकड़ तक रकबे के लिए: ₹5,000 और 5 एकड़ से अधिक रकबे के लिए ₹15,000 प्रति घटना र्जुर्माना किया जा रहा है।
हाल में दंडित किसान (Recent Penalties Imposed)
- रहली तहसील, ग्राम अचलपुरा: बाबूलाल (पिता रतनसिंह) – ₹5,000
- गढ़ाकोटा तहसील, ग्राम खदरी: अमान कूरे (पिता अनंदी) और कल्याण (पिता मोतीलाल) – ₹5,000 प्रत्येक
- गढ़ाकोटा तहसील, ग्राम टड़ा: अंगद (पिता ब्रजलाल) – ₹5,000; मूलचंद, रवि और मन्नू – ₹2,500 प्रत्येक
- गढ़ाकोटा तहसील, ग्राम पिपरिया गोपाल: गुवंदी (पिता भरोसी कुर्मी) – ₹5,000
- गढ़ाकोटा तहसील, ग्राम बौरई: डेनी (पिता बब्बू लोधी) और बब्बू (पिता हल्काई) – ₹2,500 प्रत्येक
क्यों नहीं मान रहे किसान? (Why Farmers Aren’t Learning?)
परंपरागत तरीकों पर निर्भरता (Dependency on Traditional Methods): कई किसानों को लगता है कि नरवाई जलाने से खेत की उर्वरता बढ़ती है, जबकि यह वैज्ञानिक रूप से गलत है।
वैकल्पिक व्यवस्था का अभाव (Lack of Alternatives): किसानों के पास फसल अवशेष प्रबंधन (Crop Residue Management) के लिए पर्याप्त मशीनरी या जागरूकता नहीं है।
लापरवाही (Negligence): कुछ किसान जुर्माने को “एक बार का जोखिम” समझकर बार-बार उल्लंघन करते हैं।
प्रशासन की चेतावनी (Administration’s Warning)
कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि नरवाई जलाने वालों को किसी भी स्थिति में छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने कृषि विभाग (Agriculture Department) को निर्देश दिए हैं कि वह किसानों को हैप्पी सीडर (Happy Seeder) और बायो-डिकम्पोजर (Bio-Decomposer) जैसी टिकाऊ तकनीकों के बारे में जागरूक करें।
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