स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमें सक्रिय
सागर (sagarnews.com)। फर्जी डिग्रीधारी व झोलाछाप चिकित्सकों (Quackery Menace) के खिलाफ जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई जारी है। हैरानी की बात यह है कि ग्रामीण इलाकों के साथ ही शहर में भी झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जिंदगी से सरेआम खिलवाड़ करने में लिप्त हैं। प्रशासन के सख्त रवैये में कोई झील आने के संकेत नहीं हैं।
देवरी तहसील में एसडीएम भव्या त्रिपाठी के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने गौरझामर क्षेत्र में छापेमारी कर मजूमदार क्लिनिक और विश्वास अस्पताल को एलोपैथिक दवाइयों के अवैध भंडारण (Illegal Drug Storage) और गैर-कानूनी ऑपरेशन के आरोप में सील कर दिया। जांच में पाया गया कि इन क्लीनिकों के पास वैध रजिस्ट्रेशन (Valid Registration) और मान्यता प्राप्त डिग्री (Approved Degree) का अभाव था।
Urban क्षेत्रों में भी जारी है Crackdown
इसी कड़ी में, सागर शहर में आसमा क्लीनिक (शनिचरी), शुक्रवारी स्थित क्लिनिक, और डॉ. ए.डब्ल्यू. खान के अस्पताल को दस्तावेजों की कमी के आधार पर बंद करवाया गया। स्वास्थ्य नोडल अधिकारी डॉ. देवेश पटेरिया ने बताया कि कार्रवाई के दौरान डॉ. मिश्रा (शनिचरी) की क्लिनिक पहले से ही बंद पाई गई, जिससे संदेह और गहराया।
कलेक्टर का सख्त निर्देश: Zero Tolerance Policy
जिला कलेक्टर संदीप जी.आर. ने स्पष्ट किया कि “बिना वैध लाइसेंस (Valid License) और डिग्री के चिकित्सा सेवाएं देने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई (Legal Action) तेज की जाएगी।” उन्होंने आम जनता से अपील की कि केवल रजिस्टर्ड मेडिकल सुविधाओं (Registered Medical Facilities) का ही उपयोग करें, ताकि मरीज सुरक्षा (Patient Safety) सुनिश्चित हो सके।
क्यों महत्वपूर्ण है यह अभियान? (Why It Matters)
- स्वास्थ्य जोखिम (Health Risks): झोलाछाप डॉक्टर गलत इलाज से मरीजों की जान जोखिम में डालते हैं।
- कानूनी प्रावधान (Legal Compliance): भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम (MCA Act) के तहत अवैध प्रैक्टिस पर प्रतिबंध।
- जागरूकता (Public Awareness): प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर नागरिकों से शिकायतें दर्ज करने का आग्रह किया।
क्या कहते हैं आंकड़े? (Key Statistics)
- पिछले एक महीने में जिले भर में 12 क्लीनिक सील।
- 18 झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज।
- 45% क्लीनिक्स में नहीं थे बुनियादी सैनिटेशन मानक (Basic Sanitation Standards)।
यह अभियान स्वास्थ्य सेवाओं (Healthcare Services) में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि भविष्य में भी ऐसे छापे नियमित रूप से जारी रहेंगे।\
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