सागर (डेली हिंदी न्यूज़)। शासन की महत्वपूर्ण योजना के तहत् मप्र में किसानों के लिए 2 लाख सोलर पंप स्थापित करने की योजना स्वीकृत की गई है। इस योजना के अंतर्गत भारी अनुदान पर सोलर पंप प्राप्त कर कृषक लाभान्वित होगे तथा खेती आय का जरिया बनेगी।
यह योजना उन जगहों के लिए आदर्श योजना साबित होगी जिन क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता नहीं है या जिन क्षेत्रों में कृषक सिंचाई हेतु मात्र वर्षा ऋतु पर आश्रित है। इस योजना का उद्देश्य सिंचाई हेतु दिये जाने बाले अस्थाई विद्युत कनेक्शनों की संख्या में कमी लाना, डीजल पंप से होने बाले प्रदूषण को कम करना एवं उच्च मूल्य की बागवानी को बढ़ावा देना भी है।
सोलर पंप की उपयोगिता तथा शासन के द्वारा दिये जा रहे अनुदान को देखते हुये कृषकों का रूझान इस ओर बढ रहा है। योजना के अंतर्गत 1 एच.पी से 7.5 एच.पी. के सोलर पंप अनुदानित मूल्य पर उपलब्ध है। सोलर पंप का उपयोग अनेकों प्रकार के जल स्त्रोतों जैसे कि कुऑ, बोरबेल, स्टॉपडेम, नदी, नाले एवं सतही जल इत्यादि जैसे स्थानों पर किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना किसानों को सिंचाई का स्थाई स्त्रोत प्रदान करने के साथ ही उन्हे आत्म निर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इस योजना के तहत् प्रदेश के समस्त कृशक पात्र होगे। सोलर पंप का लाभ इस शर्त पर दिया जावेगा कि कृषक की कृषि भूमि के उस खसरे/बाटंकन पर भविष्य में विद्युत पंप लगाये जाने पर उसको विद्युत प्रदाय पर कोई अनुदान देय नहीं होगा। कृषक द्वारा यह स्व-प्रमाणीकरण दिया जावेगा कि वर्तमान में कृषि के उस खसरे/बाटंकन की भूमि पर विद्युत पंप संचालित/संयोजित नहीं है।
यदि संबंधित कृषक उक्त विद्युत पंप का कनेक्शन विच्छेद करवा लेता है अथवा उस पर प्राप्त अनुदान छोड देता है तब उसे सोलर पंप पर अनुदान दिया जा सकता है। अपनी कृषि भूमि पर सोलर पंप की स्थापना के उपरांत कृषक की निर्भरता न केवल विद्युत वितरण कंपनी की विद्युत आपूर्ति पर नहीं होती है अपितु उसे विद्युत के देयकों से भी छुटकारा मिल जाता है।