सागर (sagarnews.com)। दमोह जिले में म्यूकॉरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस (Black Fungus) के संक्रमण से प्रभावित 4 मरीज सामने आए हैं। इनमें से दो की जान बचाने के लिए डॉक्टरों को इलाज के दौरान उनकी एक-एक आंख भी निकालनी पड़ी है।
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दमोह की सीएमएचओ डॉ संगीता त्रिवेदी ने कहा कि ‘ब्लैक फंगस’ रोकने के लिए एम्फोटिसिरिन बी 50 एमजी इंजेक्शन की जरूरत होती है, लेकिन यह इंजेक्शन फिलहाल दमोह में उपलब्ध नहीं है। डॉ. त्रिवेदी का कहना था कि लोगों को ध्यान देना चाहिए कि वे घर में रहें और सुरक्षित। डाइबिटीज के मरीज को कोविड होने के बाद रिकवर होना आसान नही होता।
दमोह जिला चिकित्सालय में पदस्थ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ राकेश राय ने बताया, दमोह जिले में अभी तक ऐसे चार मरीज सामने आए हैं, जो ‘ब्लैक फंगस’ संक्रमण का शिकार हुए हैं।’’ उन्होंने बताया कि इन मरीजों को नागपुर, जबलपुर ,भोपाल और इंदौर भेजा गया है।
एक दुर्लभ तरह का फंगस
भारतीय चिकित्सा विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक, ब्लैक फंगस एक दुर्लभ तरह का फंगस है। यह फंगस शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। यह इंफेक्शन उन लोगों में देखने को मिल रहा है जो कि कोरोना संक्रमित होने से पहले किसी दूसरी बीमारी से ग्रस्त थे। यह उन्हीं लोगों में देखने को मिल रहा है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है।
यह संक्रमण ज्यादातर उन्हीं मरीजों में देखने को मिला है जो कि डायबिटीज से पीड़ित हैं। ऐसे मरीजों को डायबिटीज पर कंट्रोल रखना चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक ब्लैक फंगस के कारण सिर दर्द, बुखार, आंखों में दर्द, नाक बंद या साइनस के अलावा देखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
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