दुनिया के 150 वैज्ञानिकों की रिसर्च में अब तक 64000 प्रजातियों की खोज
सागर (sagarnews.com)। पृथ्वी पर पेड़ों की प्रजातियों की खोज के एक अंतरराष्ट्रीय अभियान में डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के तीन वैज्ञानिक भी शामिल हैं। वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रो एमएल खान, प्रो पीके खरे और डॉ अश्विनी कुमार ने इस बड़े शोध में अपना योगदान दिया है।
विश्व के 150 वैज्ञानिकों के संयुक्त अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है कि पृथ्वी पर पेड़ों की 73300 प्रजातियाँ मौजूद हो सकती हैं। इनमें से अभी 9000 से अधिक प्रजातियों को खोजा जाना बाकी है। अब तक खोजी गई प्रजातियों वाले पेड़ों की संख्या लगभग 4 करोड़ है।
इस शोध के अनुसार दक्षिण अमेरिका में 40 प्रतिशत प्रजातियाँ ऐसी हैं जिनको खोजा नहीं जा सका है और ये काफी दुर्लभ प्रजातियों में से हैं। बहुत सी प्रजातियाँ लुप्त होने के कगार पर हैं और इन्हें खोजा जाना आवश्यक है।
पारिस्थितिकी के लिए यह जानना आवश्यक है कि पृथ्वी पर वनस्पतियों की कितनी प्रजातियाँ मौजूद हैं। साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों में वनस्पतियों की वृद्धि के पैटर्न का पता लगाया जाना अवाश्यक है। इनकी दुर्लभ विशिष्टताएं काफी प्रासंगिक हो सकती हैं।
प्रो एमएल खान ने बताया कि मध्य भारत में पेड़ों की प्रजातियों की खोज के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने उनके मुख्य निर्देशन में एक प्रोजेक्ट अवार्ड किया है जिसमें विभाग के ही प्रो पीके खरे और डॉ अश्विनी कुमार सह-शोधकर्ता हैं।
झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालयए रांची के डॉ अमित कुमार और डॉ पुरबी सैकिया भी इस प्रोजेक्ट में सह.शोधकर्ता हैं। यह शोध अभी जारी है और इसके आंकड़ों को दुनिया के 150 वैज्ञानिकों के संयुक्त शोध अध्ययन में साझा किया गया है, जो अमेरिका के प्रोसीडिंग्स ऑफ़ द नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइंसेस, शोध जर्नल में प्रकाशित किया गया है। जिसमें ये सभी पाँचों शोधकर्ता सह-लेखक हैं।
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