सागर (sagarnews.com)। राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने आज सागर जिले के गढ़ाकोटा में वर्षों से आयोजित हो रहे रहस लोकोत्सव मेला और विशाल आदिवासी सांस्कृतिक सम्मेलन का शुभारंभ करने के बाद कहा कि मेले लोक कला और संस्कृति को जीवित रखने का सार्थक प्रयास है। रहस मेले जैसे आयोजन से युवा पीढ़ी तो लोक संस्कृति से परिचित होती ही है, साथ ही हमारी संस्कृति, सभ्यता और परंपरा भी संरक्षित होती है।
कार्यक्रम में आयोजक लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, खनिज साधन और श्रम मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह, गौरव सिरोठिया, संभागायुक्त मुकेश शुक्ला, आईजी अनुराग, कलेक्टर दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक तरुण नायक सहित अनेक जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे ।
राज्यपाल ने कहा कि लोक निर्माण मंत्री द्वारा गढ़ाकोटा में आयोजित रहस लोकोत्सव से जनजातीय समाज को शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाना भी अनुकरणीय पहल है। क्षेत्र के विकास के साथ ही बुंदेली परंपरा को सहेज कर रखना अकल्पनीय कार्य है, इसके लिए भार्गव साधुवाद के पात्र है।
राज्यपाल ने गढाकोटा को साधु-संतों सहित स्वतंत्रता सेनानियों का गढ़ भी बताया। उन्होंने कहा कि लोकोत्सव मेला प्रारंभ कर सागर क्षेत्र का विकास एवं बुंदेली परंपराओं को सहेज कर उसको आगे बढ़ाना अनुकरणीय कार्य है। सभी को विशेषकर इस वर्ग के युवाओं को रहस मेले के माध्यम से जनजातीय समाज के व्यक्तियों को शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाना चाहिये।
राज्यपाल ने कहा कि अपने कुल की वीर बलिदानियों को याद रखने के लिए यह मेला यादगार साबित होगा ।उन्होंने कहा कि महारानी दुर्गावती, शंकर शाह, रघुनाथ शाह, तात्या भीम , भीमा नायक सहित अनेक ऐसे बलिदानी रहे जिनको आज हमें याद रखना होगा।
पटेल ने कहा कि जनजातीय समाज के उत्थान के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार जो कार्य कर रही हैं, उसके माध्यम से जनजातीय समाज अवश्य आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को स्वतंत्रता कैसे प्राप्त हुई इसकी जानकारी देने के लिए हमें प्रयास करने होंगे, जिससे आज की नई पीढ़ी स्वतंत्रता की महत्ता को समझ सके।
लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने लोगों से कहा कि रहस लोकोत्सव मेला में आनंद के साथ शासन की लोक कल्याणकारी योजना का लाभ अवश्य प्राप्त करें । उन्होंने कहा कि शीघ्र ही एक आयोजन और होगा, जिसमें मैं क्षेत्र की कन्याओं की पैर पखारूँगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही पुनः क्षेत्र में कन्यादान महोत्सव का आयोजन होगा।
उन्होंने कहा कि हमें अपने उन वीर बलिदानियों को हमेशा याद रखना चाहिए, जिनके कारण आज हम इस मुकाम पर हैं। उन्होंने कहा कि 214 वर्ष पुराने इस रहस मेले को सहेज कर रखने में सभी का सहयोग मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र के आदिवासी बहुल क्षेत्र में शीघ्र ही जनजातीय संग्रहालय प्रारंभ किया जाएगा। साथ ही रानी दुर्गावती, शंकर शाह, रघुनाथ शाह की प्रतिमाएं भी स्थापित होंगी। श्री भार्गव ने जनजातीय समाज का आव्हान किया कि वे जागरूक और उत्साहपूर्वक अपने बच्चों को पढ़ाएं और किसी भी स्थिति में उनसे मजदूरी न कराएं ।
खनिज साधन मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि बुंदेलखंड में गढ़ाकोटा बसारी एवं हटा में प्राचीन संस्कृति को बचाने का जो प्रयास किया जा रहा है, वह सराहनीय है । पुरानी परंपरा, व्यंजनों एवं संस्कृति को सहेज कर जो कार्य इस मेले के माध्यम से किया जा रहा है, वह अवश्य ही मील का पत्थर साबित होगा ।
अभिषेक भार्गव द्वारा स्वागत भाषण एवं प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। आभार आदिवासी नेता धैर्य प्रताप सिंह गोंड ने माना।
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