सागर (sagarnews.com)। शहर के चौक-चौराहों और गली मोहल्लों में गुरुवार को होलिका दहन के बाद शुक्रवार को धुरेड़ी मनाई गई। होली जलने के बाद लोगों ने परिवार के सदस्यों के साथ पूजन किया और प्रसादी अर्पित कर परिवार की सुख समृद्धि की प्रार्थना की।
इसके बाद नगाड़ों की धुन पर मौज-मस्ती करते हुए बच्चों और युवाओं ने एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली की बधाई दी। वहीं दो साल बाद कोरोना संक्रमण कम होने के कारण धुरेड़ी पर शहर में चारों ओर रंग-गुलाल बरसा और हुरियारों की टोलियां शहर में घूमी।
होलाष्टक लगते ही शहर में विभिन्न कमेटियों द्वारा होलिका दहन की तैयारियां शुरू हो गई थी। कई जगह लोगों ने आपस में चंदा एकत्रित किया और वार्ड में होलिका सजाकर प्रसादी और पूजन सामग्री की व्यवस्था की। रात 9 बजकर 20 मिनट पर होलिका दहन का कार्यक्रम शुरू हो गया और रात 10:31 मिनट तक चलता रहा।
भीतर बाजार में शहर का प्रसिद्घ होलिका दहन समारोह हुआ जहां झांकी के रूप में लकडिय़ों में ऊपर बुआ होलिका की गोद में भक्त प्रहलाद विराजमान थे, आग लगी तो भक्त प्रहलाद अग्नि से निकल आए और होलिका धू धू कर जल गई। यह नजारा देख यहां मौजूद लोगों ने भक्त प्रहलाद के जयकारे लगाए। इसके अलावा भीतर बाजार में ही करीब चार स्थानों पर होलिका दहन हुआ। यहां देर रात तक युवा झूमते नांचते हुए दिखे और एक-दूसरे को रंग-गुलाल भी लगाया।
वहीं शुक्रवार को धुरेड़ी पर रंग-गुलाल बरसेगा। युवाओं की टोलियां और फाग मंडली के सदस्य नाचते हुए शहर के मुख्य मार्गों से गुजरेगे। स्कूल कॉलेजों में पढऩे वाले युवा एक-दो दिन पहले से ही होली के रंग में रंगे हुए हैं।
होलिका दहन के चलते शहर के गुजराती बाजार, कटरा बाजार, सदर बाजार, बड़ा बाजार एवं मकरोनिया क्षेत्र में रंगों व पिचकारियों की दुकानों में लोगों ने पिचकारी व रंग-गुलाल खरीदे।
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