सागर (sagarnews.com)। रविवार को श्रीरामनवमी पर माता को अठवायीं अर्पित कर विधी विधान से पूजा की गई और घर-घर में कन्याभोज करवाए गए। कन्याओं की पूजा-अर्चना का दौर देर शाम तक चलता रहा। वहीं मंदिरों में दोपहर 12 बजे मर्यादा पुरषोत्तम श्रीराम को जन्मोत्सव मनाया गया। इसके बाद शहर में जगह-जगह से भगवान श्रीराम की शोभायात्रा निकाली गई और जवारों का विधी विधान से विसर्जन किया गया।
भगवान श्रीराम शोभायात्रा के चलते पूरे शहर को केसरिया ध्वज से सजाया गया। शहर में निकलने वाली श्रीरामजी की शोभायात्रा को लेकर पिछले कई दिनों से तैयारियां चल रहीं थीं। उत्सव समिति द्वारा चंपाबाग स्थित श्रीदेव सिद्धेश्वर धाम मंदिर से दोपहर 12 बजे श्रीरामजी का जन्मोत्सव मनाया गया। पूजन-अभिषेक के बाद मंदिर परिसर से भव्य पालकी शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में भगवान श्रीरामजी की मनमोहक झांकी सजाई गई तो वहीं गाजे-बाजे के साथ भक्त भगवान श्रीराम के जयकारे लगाते हुए चले। इसके अलावा चकराघाट व चमेली चोक से भी शोभायात्रा निकाली गई। शहर के श्रीराम बाग मंदिर में हर वर्श की तरह श्रीराम का प्रकटोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
विधि-विधान से हुआ जवारों का विसर्जन
नवरात्रि पर नौ दिनों की पूजा-पाठ के साथ ही नवमीं पर जवारों का पूरे विधि-विधान से विसर्जन किया गया। नगर के देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा जवारों को उगाकर उनकी सेवा की जाती है, जिनका चलसमारोह के साथ विसर्जन किया गया। तालाब में निर्माण कार्य के चलते पानी नहीं है, जिस कारण नगर निगम प्रशासन द्वारा चकराघाट व बस स्टैंड के पास अस्थायी कुंड बनाए गए, जहां निगमकर्मियों द्वारा जवारों का विधि विधान से विसर्जन कराया गया। कई भक्त शोभायात्रा निकालकर जवारों का विसर्जन करने चकराघाट मंदिर परिसर में पहुंचे है तो कई श्रद्घालु बरमान व आसपास की नदियों में विसर्जन करने गए।
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