सागर. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने सागर जिले के कलेक्टर (Sagar Collector) और पुलिस अधीक्षक (Sagar SP) को हटाने की मांग की है। बरोदिया नैनागिर में एक दलित युवती की मौत (Dalit Girl’s Death) के बाद दिग्विजय सिंह उसके परिवार से मिलने उसके गांव पहुंचे और उसके अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया। पिछले साल अगस्त में अपने भाई की हत्या का दावा करते हुए पुलिस में मामला दर्ज कराने वाली दलित युवती अंजना अहिरवार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। रविवार को अपने चाचा का शव ले जा रही एम्बुलेंस से गिरने के बाद अंजना की मौत हो गई।
दिग्विजय सिंह ने प्रशासन (Sagar District Administration) पर आरोप लगाते हुए कहा, प्रशासन ने अंजना को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन नहीं दी? उन्होंने और भी वादे किए लेकिन पूरे नहीं किए। क्या उन्होंने आरोपियों का घर गिराया? मैं किसी के घर पर बुलडोजर चलाने के पक्ष में नहीं हूं, लेकिन आप कार्रवाई के नाम पर कई लोगों के घर तोड़ देते हैं।
जिला प्रशासन बदलने की मांग
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अंजना के चाचा राजेंद्र अहिरवार की 25 मई को पुरानी दुश्मनी को लेकर कुछ लोगों ने कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। अंजना ने आरोप लगाया था कि उसके भाई नितिन अहिरवार उर्फ लालू की भी पिछले साल अगस्त में कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी और वो लोग उन्हें परेशान करते थे। भाई की मौत के बाद, अंजना ने एक एफआईआर दर्ज कराई कि उसके भाई की हत्या कर दी गई क्योंकि कुछ लोग उत्पीड़न मामले में समझौते के लिए उन पर दबाव डाल रहे थे।
"Anjana (Ahirwar) has recently reported to the police that the family is facing pressure to change statements. But the police didn't act," alleged Digvijay Singh after meeting with the greeving Dalit family in Sagar.
"I'm highly disappointed with the District Admin, who not only… pic.twitter.com/6alpuh4xvo
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) May 27, 2024
अंजना की रविवार को सागर में उसके चाचा का शव ले जा रही एम्बुलेंस से गिरने से मौत हो गई। दिग्विजय सिंह ने इस घटना पर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) सहित पूरे जिला प्रशासन को हटाने की मांग की।
महिला के परिवार के सदस्यों ने दिग्विजय सिंह को बताया कि उन्हें दी गई सुरक्षा प्रशासन ने हटा ली और यहां तक कि उनके क्षेत्र में लगे कैमरे भी हटा दिये गये हैं। अंजना एक पढ़ी-लिखी महिला थी और परिवार की देखभाल कर रही थी।
दिग्विजय सिंह ने कहा, वह आज नहीं है और मैं बहुत निराश हूं। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि वर्तमान घटना से 10 दिन पहले पुलिस सुरक्षा हटा दी गई थी. उन्होंने दावा किया कि उस पर बयान बदलने के लिए काफी दबाव डाला गया।
▪️मध्यप्रदेश के बरौदिया में BJP नेताओं ने एक दलित बेटी का यौन उत्पीड़न किया
▪️फिर उसे धमकाया कि वह इस बारे में किसी से कुछ ना कहे
▪️बहुत हिम्मत जुटा कर बेटी ने यह बात अपने परिवार को बताई और बड़ी मुश्किल से FIR हुई
▪️मुख्य आरोपी BJP के नेता हैं. अंकित सिंह BJP युवा मोर्चा… pic.twitter.com/OefOb1I2ys
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) May 27, 2024
आरोपियों को आश्रय देने का लगाया आरोप
दिग्विजय सिंह ने कहा कि लालू की हत्या के तीन गवाह थे। एक राजेंद्र, दूसरी अंजना और तीसरी उसकी मां। दबाव में नहीं आने पर राजेंद्र की हत्या कर दी गयी और अंजना की मौत हो गयी। उन्होंने आरोप लगाया कि अंजना ने कुछ दिन पहले बयान बदलने के लिए दबाव बनाए जाने की शिकायत पुलिस से की थी लेकिन पुलिस ने इस पर कार्रवाई नहीं की। सिंह ने दावा किया कि अंजना ने शुरू में ही कहा था कि घटना में अंकित ठाकुर शामिल है, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया गया क्योंकि वह एक बाहुबली है और उसे राजनीतिक रूप से आश्रय दिया गया है।
पुलिस ने जांच की कही बात
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सिन्हा ने पहले मीडिया को बताया कि खुरई पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत दो समूहों के बीच झड़प में घायल हुए राजेंद्र अहिरवार (24) की मौत हो गई। अंजना की सागर में पोस्टमार्टम के बाद राजेंद्र अहिरवार का शव गांव ले जा रही एंबुलेंस से गिर कर हो गई। सिन्हा ने कहा, उनके परिवार के सदस्य शव के साथ थे। यह पूछे जाने पर कि क्या पुराने मामले में समझौते के दबाव के कारण राजेंद्र अहिरवार की हत्या की गई। सिन्हा ने कहा कि जांच के दौरान सभी तथ्य सामने आ जाएंगे।
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