सागर (sagarnews.com)। तीन महीने पहले हुए इमरान हत्याकांड की जांच CID नहीं करेगी। मृतक इमरान के पिता पूर्व पार्षद नईम खान की याचिका पर जबलपुर हाइ कोर्ट ने CID जांच के आदेश पर स्टे लगा दिया है। कोर्ट ने डीजीपी विवेक जौहरी से इस मामले में तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
नईम खान ने बताया कि आरोपी पक्ष की मांग पर 29 सितंबर को पुलिस ने इस केस की CID जांच कराने का आदेश जारी किया था। जिस पर उन्होंने हाइ कोर्ट में याचिका लगाई। कोर्ट को बताया कि पुलिस निष्पक्ष जांच कर रही है और CID जांच औचित्यहीन है। हाइ कोर्ट ने उनके तर्क को माना और जांच पर स्टे दे दिया।
गोपालगंज पुलिस इस प्रकरण में बीते दिनों कोर्ट में चालान पेश कर चुकी है। एक नाबालिग समेत तीन आरोपी फरार हैं। इस मामले में पांच लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसरार कुरैशी व उसका नाबालिग बेटा न्यायालयीन हिरासत में है। जबकि तीन अन्य आरोपियों में से इसरार की पत्नी नजमा, नाबालिग बेटी एवं उसका रिश्तेदार पूर्व पार्षद बबलू कमानी फरार हैं।
जांच लटकाने का स्टंट
जिला एवं सत्र न्यायालय बबलू का जमानत आवेदन खारिज कर चुका है। कानूनी जानकारों के अनुसार सीआईडी जांच की मांग सामान्यत: पीडि़त पक्ष द्वारा की जाती है। लेकिन इस मामले में आरोपी द्वारा की गई। ऐसा तभी होता है जब आरोपी पुलिस की जांच को प्रभावित करना चाहते हों। पुलिस अपनी जांच लगभग पूरी कर चुकी है तब अचानक सीआईडी जांच की मांग करना, मामले को लंबित करने का एक स्टंट भी हो सकता है।
तीन माह पहले हुई थी हत्या
पूर्व पार्षद नईम खान के पुत्र इमरान की 29 जुलाई को शुक्रवारी में पानी की टंकी के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को आरोपी बनाया था। पूर्व पार्षद खान का कहना है कि फरार आरोपी उन्हें व उनके परिजनों को कई तरीकों से धमका रहे हैं। जिसकी उन्होंने एसपी से शिकायत भी की हुई है। पिछले महीने इस केस के एक गवाह जीशान के ऊपर हत्या के इरादे से गोली भी चलाई गई थी।
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