संविधान निर्माण में डॉ. गौर के योगदान पर बनारस हिन्दू विश्विद्यालय में हुई परिचर्चा

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सागर (sagarnews.com)। बनारस हिन्दू विश्विद्यालय गौर परिवार और मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र के तत्वावधान में डॉ हरीसिंह गौर विश्विद्यालय के संस्थापक डॉ सर् हरीसिंह गौर को नमन विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।

मुख्य अतिथि कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता में अपने उदबोधन में कहा कि सागर और बनारस दोनों ही विश्विद्यालयों का विशालस्वरूप है। इनकी जड़ें भी उतनी ही गहरी हैं। वे डॉ गौर म्यूज़ियम और गौर चेयर के लिये प्रयासरत है ताकि डॉ गौर के विचारों को जन जन तक पहुँचाया जा सके। उन्‍होंने डॉ गौर के संविधान निर्माण में योगदान की भी चर्चा की।

उन्‍होंने कहा कि सागर विश्विद्यालय के पूर्व छात्र सागर से दूर रहकर भी डॉ गौर को अपने दिलों में बसाये है। यह बहुत ही अनुपम बात हैं।अध्यक्षता केंद्र के समन्वयक प्रो आशाराम त्रिपाठी ने करते हुए कहा कि शिक्षा जगत के इतिहास में महामना मदन मोहन मालवीय और डॉ गौर ऐसी विभूतिया थी जिनके प्रयासों से आजादी के पूर्व भारत मे विश्विद्यालय स्थापित हुए। 

कार्यक्रम संयोजक डॉ संजीव सराफ ने डा गौर को भारत रत्न दिलाने की मुहिम में सबसे सहयोग की अपील की। परिचर्चा में प्रो सुशांत श्रीवास्तव, प्रो धर्मेंद्र मिश्र, डॉ विवेकानंद जैन, डॉ चंदा बैन, कुलसचिव डॉ संतोष सहगोरा, डॉ रामकुमार दांगी, प्रो नीरज खरे ने अपने विचार रखे। स्वागत भाषण प्रो एपी सिंह के दिया।

प्रो संजय श्रीवास्तव, प्रो हेमंत मालवीय डॉ ओमप्रकाश सिंह, डॉ सुरेंद्र जैन भदैनी, डॉ विवेकानंद तिवारी, डॉ मनीष मीना, डॉ दुर्गेश सिंह,अभय चौरसिया, संयुक्तकुलसचिव डॉ अजय कुमार, सहायक कुलसचिव डॉ वी एस विद्यार्थी, डॉ रमेश निर्मेश, डॉ सुमिल तिवारी, डॉ रमेश लाल, डॉ धर्मजंग, डॉ राजीव वर्मा, अरविंद कुमार, छोटे लाल उपस्थित रहे।

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