Sagar News सागर के स्‍कूलों की हालत बेहद दयनीय, प्राइमरी और मिडल स्‍कूलों का ढांचा चरमराया

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सागर (sagarnews.com)। Sagar Education News सागर लोक शिक्षण विभाग ने एक संभाग स्तरीय वेबिनार का आयोजन तो वार्षिक परीक्षा की पूर्व तैयारी के लिए किया था लेकिन इसमें विभाग के एक अधिकारी ने कुछ बेहद चौंकाने वाले और गंभीर समस्‍या की ओर इशारा करने वाली जानकारी भी बताई।

विभाग के जेडी डॉ मनीष वर्मा के मुताबिक एस सर्वे में पता चला है कि कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल की रैंकिंग में सागर 44वें नंबर पर है। सागर संभाग मे छतरपुर पहले रैंक पर है। दमोह सातवें, पन्ना 15वें, टीकमगढ़ 39 वें और निवाड़ी 31 वें नंबर पर है। यह बेहद चौंकाने वाली जानकारी है कि एक पिछड़ा इलाका समझा जाने वाला छतरपुर पहले नंबर पर है और सागर संभागीय मुख्‍यालय होने के बावजूद 44 वें नंबर पर है। शिक्षा विभाग को इस बारे में बेहद गंभीरता से सोचने की जरूरत है और उन तमाम तथ्‍यों को दुरुस्‍त करने की जरूरत भी है, जिनके कारण यह हालत बनी।

शिक्षा विभाग के बारे में जानकरी रखने वालों को कहना है कि विभाग का पूरा प्रशासन ध्‍वस्‍त हो चुका है और भ्रष्‍टाचार के चलते स्‍कूलों की हालत खराब है। पहुंच और तिकड़में लड़ा कर शिक्षकों ले सागर के स्‍कूलों में तबादले करवा लिए हैं और पढ़ाई कराने पर किसी का ध्‍यान नहीं है। कुछ स्‍कूलों में तो कहा जा रहा है कि छात्रों से ज्‍यादा शिक्षक पदस्‍थ हैं जो बिना किसी काम का वेतन लेते हैं। मनीष वर्मा ने भी एक स्‍थानीय पत्रकार से हुई बातचीत में इसे स्‍वीकार किया। शिक्षा विभाग कतिपय सांठगांठ करने वाले शिक्षा माफियाओं के हाथ की कठपुतली बन कर रह गया है।

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